लोग कहते है रिश्ते बदल जाते है
वक्त के साथ मौसम भी बदल जातें है
सिंचा था खूने जिगर से जिसे
वो लहू के रंग भी बदल जाते हैं
नज़र के ओज़ल होते ही निगाहें बदल
जाती है जबसे इंसान ने सम्भाला है इसे
रिश्तों को कभी खुदा माना जाता था जहाँ
मज़हब के बदलते ही खुदा भी बदल जाते हैं
Subscribe to:
Post Comments
(
Atom
)
0 comments :
Post a Comment