जिंदगी को जब भी करीब से देखता हूँ
हर बार अलग अलग सी दिखाई देती है
तेरी ज़ुल्फो को जब जब सहलाता हूँ
लगता है जिंदगी कुछ उलझ सी गयी है
तेरी उदास आँखों में जब नमी देखता हूँ
ऐसा लगता है जैसे छत टपक रही हो
जिंदगी को किस नज़रिए से देखूं
हर बार अलग ही दिखाई देती है
जब जब कदम बढ़ता हूँ तेरी तरफ
लगता है जैसे मंज़िल भटक गयी हो
सब कुछ सही था मगर न जाने क्यूँ
हर जगह ग़लत ही करार दिया गया हूँ
जो हरदम करीब रहती थी मेरी साँसों के
उसी जिंदगी का दम घुटता है करीब आने से
जिंदगी को जब भी करीब से देखता हूँ
हर बार अलग अलग सी दिखाई देती है
हर बार अलग अलग सी दिखाई देती है
तेरी ज़ुल्फो को जब जब सहलाता हूँ
लगता है जिंदगी कुछ उलझ सी गयी है
तेरी उदास आँखों में जब नमी देखता हूँ
ऐसा लगता है जैसे छत टपक रही हो
जिंदगी को किस नज़रिए से देखूं
हर बार अलग ही दिखाई देती है
जब जब कदम बढ़ता हूँ तेरी तरफ
लगता है जैसे मंज़िल भटक गयी हो
सब कुछ सही था मगर न जाने क्यूँ
हर जगह ग़लत ही करार दिया गया हूँ
जो हरदम करीब रहती थी मेरी साँसों के
उसी जिंदगी का दम घुटता है करीब आने से
जिंदगी को जब भी करीब से देखता हूँ
हर बार अलग अलग सी दिखाई देती है