April 25, 2012

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बहोत दौड़ लिया जिंदगी की जद्दो-जहत में
अब ठहर ज़रा जिंदगी के लिए
जी लया जी भर के खुद के लिए
थोड़ा जी ले जिंदगी के लिए, फिर देख
थक गया होगा खुद का बोझ उठाकर
किसी ग़रीब का दर्द उठाकर देख
बरसों से यही रोना है की हम इंसान हैं
कभी दर्द से जुदा नहीं हो सकते
कहना बहोत है आसान की हम इंसान हैं
पहले इंसान बन कर के तो देख
बहोत रूलाया है तूने सब को
अपनी खुशियों के लिए
कभी अपनी ही आँख के
आँसू बन कर के तो देख
दर्द को तूने देखा होगा ग़रीब का करीब से
कभी खुद दर्द का एहसास कर के तो देख
इलाज किए होंगे तूने कई मरीजों के ए हकीम
कभी खुद मरीज बन कर के तो देख

सच ...

April 14, 2012

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धीरे धीरे शाम ढल रही है
परछाईयाँ लंबी हो रही है
लेकिन किस खूबसूरती से
जिंदगी कम हो रही है

भागाकार

April 10, 2012

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તમે બન્યા આકાશ મને ધરતી બનાવી દીધી
અંતરકેવી રીતે મટે, તે બતાવવા નું ભૂલી ગયા
હું બની નદી અને તમને પર્વત બનાવી દીધા
ચંચલ બની વહી તમારા ચરણોં પાસે થી પણ
તમે નીચા નમી સ્નેહ વરસાવા નું ભૂલી ગયા
આ પ્રેમ છે,અહીં દરેક ફરિયાદ માં પણ પ્યાર છે
'માનસ' હવે સમય બદલાઈ ગયો છે, સમજી લે
પ્યાર ની પણ કિંમત, તે હવે બની વ્યાપાર છે
હૃદય ની કોરી સ્લેટ પર ઍક્ડો ઘૂંટાયો માંડ ત્યાં
કોને ખબર કે પ્રેમ માં તો ફક઼્ત ભાગાકાર છૅ
ફક઼્ત ભાગાકાર છે....

गम का एहसास

April 4, 2012

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अगर वक़्त मिल जाए कभी, हमारी महफ़िल में आ जाना
आपको हम तन्हाई का मतलब समझा देंगे
महफ़िल सजाने के लिए लगाए पर्दों के पीछे छिपे
दर्दे-राज में हमराज़ भी बना लेंगे
आपको जिन लोंगों ने सर आँखों पे बिठा रखा था
वो अब हमारी महफ़िल में बेहोश बैठे हैं
उनके दिलों पे बनी सिलवट भी दिखा देंगे
जो मधुर अल्फ़ाज़ आपके दिलों बहलाते रहे
मानस के दिलों से निकले उन अल्फाजों का
एहसासे दर्द भी बता देंगे
और बहोत कुछ बताना है ए हुश्ने-चमन तुमको
कैसे डूब जाते हैं 'दर्द' महफ़िल में वो भी बता देंगे
हो सकता है की तुम खो जाओ हमारी महफ़िल में
मगर जानेमन तुम्हें घर का रास्ता भी बता देंगे
हमारा क्या हम तो बिखरे हुए दिलों की महफ़िल यूँ ही
सजाते रहेंगे और हुश्न से मिले दर्द छुपाते रहेंगे
अगर शराब ग़लत कर सकती हर गम को
महफ़िल में इतना शोर शराबा न होता
कफ़न ओढ़ कर बैठे उन मरीजों का पता भी बता देंगे