रात ढल गयी पर सुबह ही नहीं आई,
हरबार मेरे हिश्से में अमास ही आई
जागता रहा रात भर इंतज़ार मे तेरे
सपनें में सिर्फ़ तन्हाई ही नज़र आई
लोग कैसे जोड़ लेते हैं जुदाई के रिश्ते
'मानस' हर जगह साजिश ही नज़र आई
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