August 31, 2010

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जिनको दिल में दर्द हो वो मुस्काराया नहीं करते
कागज के फूलों को किताबों में छुपाया नहीं करते
वादा करके भूलादेना हसीनों की आदत है
इश् पर कोई शिकायत किया नहीं करते

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मुज़को जिंदगी से शिकायत है तुमसे नहीं
अगर हो सके तो नज़र उठा कर देखिए
आपका दिल है जो मेरी सदा सुनता नहीं
नज़र मिल जाए तो कुछ कहने की ज़रूरत नहीं
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फूलों को छू लिया मैने खुशबू छू नहीं शकता
इक उम्र जिली मैने जिंदगी जी नहीं शकता
जिश जाम को पीनेकी तमन्ना थी वो जाम हाथों में था
होंठ तेरे क्या देख लिए मैनें अब और कोई जाम पी नहीं शकता
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यूँ बहाने ना बनाया करो जल्दी जाने के
कभी हालत पे नज़र डालो दीवानें के
ये दिल तड़प्ता हे आपके बिना
हो शके तो बहाने बनाओ जल्दी आने के
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उन्होंने भुला दिया हमें कभी हम भी उनके प्यारे थे
हम भी उनके बिना बेशहारे थे
भुला दिया हमें किसी पढ़ी हुई किताब की तरह
शायद याद हो उन्हें की हम तश्वीर उनकी
उशी किताब में छुपाए फिरते थे
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दिन क्या गुज़ार दिया हमनें आपकी यादों में
शायद नींद आ जाए और आपसे मुलाकात हो जाए
सुबह की खिलती धूपमें हमनें देख लिया आपको
बयान क्या करूँ एक उमर गुजर जाएगी
एक पल अगर वो रुक जाते पूरी जिंदगी जी लेता मैं
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ना कहो अपनें आपको शमा
न जाने कितने परवाने जल जाएँगे
इश् माहेफ़िल की जान हो तुम
इश् धड़कन के बिना न जी पाएँगे
न होगी माहेफ़िल तो पयमानें कहाँ जाएँगे
ये वो जाम है जी कभी न छलकने पायेंगे
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सोचा आपके बारे में आप मिल गये
निगाहें मिली भी न थी आँखोंसे आँसू गिर गये
शायद इसी को प्यार कहते हें, दिल से दिल मिल गये
चलाथा एक बार सिर्फ़ बंदगी करने आपको देखा खुदा मिल गये
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जिनको ख्वाबों में देखता था दिनरात
उन्होनें भुला दिया ख्वाबों की तरह
जिनकी आश् थी अजीब प्यास की तरह
गिरा दिया हमें आसुओं की तरह
अब क्या शिकायत करें हम किशीसे
बारिश एक रात की थी छत टपकती रही उम्र भर
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कोई यादों के सहारे जी लेता है
कोई यादें बन कर रह जाता है
एक शाम खोलता हूँ किताब जिंदगी की
हर कहानी में तेरा चेहरा नज़र आता है
जो आँखों से देखा था उसे लब्जों में ढाल नहीं सकता
जब भी कोशिश की हर चेहरा बिखर के रह जाता है
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यूँ तो डर नहीं लगता मोत से
दुनिया इतनी खूबसूरत है तेरी
और कुछ लम्हें जी लूँ तेरे साथ
यही तमन्ना है अगर हो इजाज़त तेरी

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सर झुकाया तो इबादत हो गयी
सर उठाया तो मुलाकात हो गयी
ए हुस्न तेरी बातें बहोत हो गयी
अब कुछ इश्क की भी हो जाए
सितम इतने सहे तेरी माहेफ़िल में
भरी जवानी में जिंदगी की शाम हो गयी
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सच्चा प्यार तो सभी को मिलता है
अंदाज़ प्यार भरा होना चाहिए
आपकी नफ़रत को भी हम प्यार समज़ते हैं
आपका नफ़रत से भरा प्यार साथ होना चाहिए
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आपनें मयखाने जाने ना दिया
हम साकी घर ले आये
तेरे होंठों को कोई छू न ले
जाम जो छुआ था तूने हम घर ले आए
मरने से डर लगता था हमें
हम कातिल घर ले आये
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आपकी खामोशी में कुछ कहानी है
आपका मुश्कराना दर्द का अफ़साना है
आप अगर हमें आपका दर्द दे दें
कसम आपकी सारा जहाँ सुहाना है
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दिन के ख़त्म होने से वक्त ख़त्म नहीं होता
दिल टूट जाने से प्यार ख़त्म नहीं होता
दूर हो जाने पर भी वो दिल में ही रहते है
किशी और के हो जाने पे एतबार ख़त्म नही होता
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बरसते बादलों में आपका आँसुओं का छुपाना
हमारी नज़रों से समंदर तूट ना जाए
प्यार तो आपको भी है हमसे
वरना यूँ बिछड़ने का दर्द ना होता
आप हमें भी नज़र उठा कर देखिए एकबार
शायद प्यार की एक बूँद ही नज़र आ जाए
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आज आपकी अचानक याद आ गयी
दिल में अजब सी उदासी छा गयी
वो किताब जिसमें छुपाया करते थे तस्वीर हमारी
पुरानी किताबों की दुकान में नज़र आ गयी
सोचा यही दस्तूर होगा जिंदगी का
आपके नहीं तो किसी और के काम आ गयी
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तुम्हारी धड़कन को सुनना तो एक बहाना था
तुम्हारे करीब आने का
तुम्हारा हाथ थामना तो एक बहाना था
तुम्हें छूने का
ख्वाब में हो तुम मत जगाना मूज़े नींद से
नींद तो एक बहाना था
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इतने लेखक इतनी किताबें
फिर भी हम अज्ञान क्यूँ हैं
इतने धर्म इतने भगवान
फिर भी नास्तिक क्यूँ हैं
इतने लोग इतनी भाषा
फिर भी अंजान क्यूँ हैं
खोजते फिरतें हैं सारे जहाँ मैं
फिर भी हमसे हम ना मिल पाए
अहम छोड़ नहीं अपना
आसान सी बात मुश्किल क्यूँ हैं
मानस बदल ले ए मानव अपना
मन तेरा तेरे मनसे परेशान क्यूँ हैं

4 comments :

Patali-The-Village said...

बहुत लाजवाब.....

Amit Chandra said...

जिनको दिल में दर्द हो वो मुस्काराया नहीं करते
कागज के फूलों को किताबों में छुपाया नहीं करते
वादा करके भूलादेना हसीनों की आदत है
इश् पर कोई शिकायत किया नहीं करते

एक से बढ़कर एक खुबसुरत रचना

Anonymous said...
This comment has been removed by the author.
Manash "मानस" said...

I NEED TO KEEP IN TOUCH WITH YOU GUYS PLEASE KEEP IN TOUCH

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